आखिर क्यों गणेश जी की पूजा सबसे पहले की जाती है
गणेश जी की पूजा के बिना मांगलिक कामों में किसी भी दिशा से किसी भी देवी-देवता का आगमन नहीं होता। इसलिए हर मांगलिक काम और पूजा से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है
पौराणिक कथा के अनुसार एक बार कार्तिकेय जी ओर गणेश जी दोनों भाइयो के बीच प्रतियोगिता हुईं की कौन पहले पृथ्वी की परिक्रमा लगाकर आता है, गणेश जी ने निर्णय लेते समय विवेक का इस्तेमाल किया की सब जगह एक ही ईश्वर है,इसलिए गणेश जी ने माता -पिता की परिक्रमा लगाई. कार्तिकेय ने सिर्फ बुद्धि का इस्तेमाल किया था इसलिए वे पुरी पृथ्वी की परिक्रमा करने निकल गये थे.
भारतीय परंपरा में हर काम की शुरुआत में गणपति को पहले मनाया जाता है। शिक्षा से लेकर नए वाहन तक, व्यापार से लेकर विवाह तक हर काम में पहले गणपति को ही आमंत्रित किया जाता है। ऐसा कौन सा कारण है कि हम गणपति के बिना कोई काम नहीं कर सकते? आखिर किस कारण से गणपति को पहले पूजा जाता है? गणपति को पहले पूजे जाने के पीछे बड़ा ही दार्शनिक कारण है, हम इसकी ओर ध्यान नहीं देते कि इस बात के पीछे संदेश क्या है। दरअसल गणपति बुद्धि और विवेक के देवता है।
बुद्धि से ही विवेक आता है और जब दोनों साथ हों तो कोई भी काम किया जाए उसमें सफलता मिलना निश्चित है। हम जब गणपति को पूजते हैं तो यह आशीर्वाद मांगते हैं कि हमारी बुद्धि स्वस्थ्य रहे और हम सही वक्त पर सही निर्णय लेते रहे ताकि हमारा हर काम सफल हो।
शादी ब्याह में कार्ड पर भगवान गणेश जी का चित्र क्यों लगाया जाता है?
श्रीगणेश पूजा अपने आप में बहुत ही महत्वपूर्ण व कल्याणकारी है। चाहे वह किसी कार्य की सफलता के लिए हो या फिर चाहे किसी कामनापूर्ति स्त्री, पुत्र, पौत्र, धन, समृद्धि के लिए या फिर अचानक ही किसी संकट मे पड़े हुए दुखों के निवारण हेतु हो। जब कभी किसी व्यक्ति को श्रीगणेश पूजा अपने आप में बहुत ही महत्वपूर्ण व कल्याणकारी है। चाहे वह किसी कार्य की सफलता के लिए हो या फिर चाहे किसी कामनापूर्ति स्त्री, पुत्र, पौत्र, धन, समृद्धि के लिए या फिर अचानक ही किसी संकट मे पड़े हुए दुखों के निवारण हेतु हो।