पैलेडियम: दुनिया की सबसे महंगी और दुर्लभ धातु

दुनिया की सबसे कीमती धातु कौन सी है?
जब भी महंगी धातुओं की बात आती है तो अक्सर लोगों के मन में सोना या प्लेटिनम का नाम आता है, लेकिन मौजूदा समय में पैलेडियम ने इन सबको पीछे छोड़ दिया है। पैलेडियम आज दुनिया की सबसे महंगी धातु मानी जा रही है। इसकी सबसे बड़ी वजह इसकी लगातार कम होती आपूर्ति और बढ़ती मांग है।
कहां होता है पैलेडियम का इस्तेमाल?
पैलेडियम एक चमकीली सफेद धातु है, जो प्लेटिनम समूह की छह धातुओं में से एक है। इसका सबसे ज्यादा उपयोग ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में प्रदूषण नियंत्रण उपकरण बनाने में किया जाता है। खासकर गाड़ियों की एग्जॉस्ट सिस्टम में लगने वाले कैटेलिटिक कन्वर्टर में इसका उपयोग 85% तक होता है। इसके अलावा, पैलेडियम का इस्तेमाल इलेक्ट्रॉनिक सामान, आभूषण और डेंटल चिकित्सा में भी किया जाता है।
इतनी महंगी क्यों है यह धातु?
पैलेडियम के दाम में जबरदस्त तेजी की सबसे बड़ी वजह इसकी डिमांड और सप्लाई के बीच का बड़ा अंतर है। हाल के वर्षों में पर्यावरण को लेकर सख्त नियमों की वजह से वाहन कंपनियों को ज्यादा पैलेडियम की जरूरत पड़ रही है। मांग में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, लेकिन सप्लाई सीमित है, जिससे कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई हैं।
क्या निवेशक बढ़ा रहे हैं कीमतें?
कुछ हद तक यह भी सच है कि हेज फंड और निवेशकों की सक्रियता ने भी पैलेडियम की कीमतों को ऊपर पहुंचाया है। 2018 के बाद से कई निवेशकों ने पैलेडियम में दांव लगाया है, जिससे बाजार में इसका दाम और तेजी से बढ़ा है। तत्काल डिलीवरी के लिए पैलेडियम की कीमतें आमतौर पर ज्यादा रहती हैं, जिससे उत्पादक भी सप्लाई को नियंत्रित करते हैं।
क्या पैलेडियम की कीमत हमेशा अस्थिर रही है?
धातुओं के बाजार में उतार-चढ़ाव कोई नई बात नहीं है। पैलेडियम की कीमतों में भी हमेशा अस्थिरता रही है। 1996 से 2001 के बीच इसकी कीमत नौ गुना तक बढ़ गई थी। इसी तरह, 1998 के बाद प्लेटिनम की कीमतों में 500% और रोडियम की कीमतों में 4,000% तक की उछाल देखी गई थी। जब किसी धातु की मांग उसकी सप्लाई से ज्यादा होती है तो उसकी कीमतें हमेशा तेज रहती हैं।
सप्लाई क्यों है सीमित?
पैलेडियम मुख्य रूप से प्लेटिनम और निकेल के खनन के दौरान उप-उत्पाद (बायप्रोडक्ट) के रूप में निकलता है। यही वजह है कि इसका उत्पादन बहुत सीमित होता है। लगातार आठवें साल 2019 में भी पैलेडियम की मांग उसकी आपूर्ति से अधिक रही। यही कारण है कि यह धातु लगातार महंगी होती जा रही है।
क्या कार कंपनियों के पास विकल्प हैं?
तेजी से बढ़ती कीमतों के कारण कई ऑटोमोबाइल निर्माता कंपनियां अब विकल्प की तलाश में हैं। हालांकि, फिलहाल यह तय नहीं है कि मौजूदा तकनीक की जगह कोई नई तकनीक कब तक आ पाएगी। शोध बताते हैं कि कैटेलिटिक कन्वर्टर में किसी दूसरी धातु का इस्तेमाल करने के लिए तकनीकी बदलाव जरूरी हैं, जिन पर काम चल रहा है।