एएमडी-ओपनएआई सौदे के बावजूद जिम क्रेमर का NVIDIA पर भरोसा, शटडाउन से बाज़ार में अनिश्चितता

अमेरिकी शेयर बाज़ार इस सप्ताह अनिश्चितता के दौर से गुज़र रहा है, जहाँ एक ओर एआई (AI) की बढ़ती माँग से उम्मीदें बँधी हैं, वहीं दूसरी ओर अमेरिकी सरकार के शटडाउन को लेकर चिंताएँ भी बनी हुई हैं। इन मिले-जुले संकेतों के बीच, बाज़ार विश्लेषक जिम क्रेमर ने चिप निर्माता कंपनी एनवीडिया (NVIDIA) का मज़बूती से बचाव किया है, जबकि अन्य तकनीकी स्टॉक सरकारी कामकाज ठप होने के दबाव का सामना कर रहे हैं।
NVIDIA को लेकर क्रेमर का अटूट विश्वास
हाल ही में जब एनवीडिया की प्रतिस्पर्धी कंपनी एएमडी (AMD) और ओपनएआई (OpenAI) के बीच चिप आपूर्ति को लेकर एक सौदे की घोषणा हुई, तो एनवीडिया के शेयरों में कुछ गिरावट देखी गई। इस गिरावट ने कई निवेशकों को चिंतित कर दिया, लेकिन जिम क्रेमर इससे बिल्कुल भी प्रभावित नहीं हुए। उन्होंने इस विचार को सिरे से खारिज कर दिया कि इस सौदे से एनवीडिया के चिप्स की माँग में कोई कमी आएगी।
क्रेमर ने कहा, “मुझे पता है कि यह कुछ लोगों को अजीब लग सकता है, लेकिन मेरा मानना है कि इस दौड़ में अंततः सभी विजेता होंगे। एनवीडिया का शेयर आज पाँच-छह अंक नीचे जा सकता है, और यही इसे खरीदने का सही मौका है। क्योंकि मेरा नहीं मानना कि बाज़ार में उनकी माँग में कोई बदलाव आया है।”
उन्होंने आगे विस्तार से बताया कि कैसे एनवीडिया के सीईओ जेनसेन हुआंग तकनीकी दुनिया की बड़ी कंपनियों की ज़रूरतों को समझते हैं। क्रेमर के अनुसार, “जेनसेन जानते हैं कि मेटा को सोशल और ग्लासेस चाहिए। वह जानते हैं कि सेल्फ़-ड्राइव मस्क हैं। वह जानते हैं कि रोबोट मस्क हैं। वह जानते हैं कि गूगल सर्च है। कोई भी बिंग (Bing) नहीं बनना चाहता! यह पूरी लड़ाई ‘बिंग न बनने’ की है! मुझे लगता है कि लोग यह नहीं समझ रहे हैं कि माइक्रोसॉफ्ट के लिए बिंग की विफलता सालों से एक शर्मिंदगी रही है, और यही उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रही है।”
सरकारी शटडाउन का बाज़ार पर असर
जहाँ एक ओर एनवीडिया जैसी कंपनियों के शेयर वॉल स्ट्रीट को बड़ी गिरावट से बचा रहे हैं, वहीं अमेरिकी सरकार का शटडाउन, जो अब 10वें दिन में प्रवेश कर चुका है, समग्र बाज़ार के उत्साह पर लगाम लगा रहा है। शुक्रवार को डॉव जोन्स (Dow Jones), एसएंडपी 500 (S&P 500), और नैस्डैक 100 (Nasdaq 100) के वायदा कारोबार लगभग सपाट रहे।
निवेशक आर्थिक आँकड़ों की कमी से जूझ रहे हैं, क्योंकि सरकारी कामकाज बंद होने के कारण महत्वपूर्ण रिपोर्टें जारी नहीं हो पा रही हैं। इस अनिश्चितता के माहौल में, निवेशकों ने सोने और चाँदी जैसी सुरक्षित संपत्तियों में निवेश करना शुरू कर दिया है, जिससे इनकी कीमतों में उछाल आया है। सोना 4,000 डॉलर प्रति औंस के स्तर से ऊपर पहुँच गया है।
आर्थिक आँकड़े और भविष्य की दिशा
सरकारी शटडाउन के कारण उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) जैसे महत्वपूर्ण मुद्रास्फीति के आँकड़ों को जारी करने में देरी हो रही है, जिन पर वॉल स्ट्रीट और फ़ेडरल रिज़र्व की गहरी नज़र रहती है। हालाँकि, ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, श्रम सांख्यिकी ब्यूरो ने सितंबर के सीपीआई आँकड़ों को तैयार करने के लिए कर्मचारियों को वापस बुला लिया है, और इसे अक्टूबर के अंत तक जारी किए जाने की उम्मीद है।
आधिकारिक आँकड़ों के अभाव में, निवेशक निजी डेटा पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। इस बीच, बाज़ार की नज़रें अगले हफ़्ते से शुरू होने वाले तीसरी तिमाही के नतीजों पर टिकी हैं, जिसकी शुरुआत जेपी मॉर्गन (JPMorgan) और सिटीग्रुप (Citigroup) जैसे बड़े बैंक करेंगे। विश्लेषकों का अनुमान है कि इस तिमाही में कंपनियों का प्रदर्शन थोड़ा नरम रह सकता है।